देहरादून: उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में सुधार और युवाओं की जायज मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे उत्तराखंड बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उनके स्वास्थ्य में गिरावट आने के कारण साथी कार्यकर्ताओं ने उन्हें ई-रिक्शा के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया।
राम कंडवाल ने उत्तराखंड के युवाओं की बेरोजगारी और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू की थी। उनकी मांगें राज्य सरकार द्वारा अनदेखी किए जाने के कारण यह हड़ताल लंबी खिंचती जा रही है। कंडवाल ने कहा कि वह युवाओं के हक के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और सरकार की चुप्पी के बावजूद उनकी मांगें पूरी होने तक संघर्ष करते रहेंगे।
भूख हड़ताल पर बैठे राम कंडवाल के साथी और बेरोजगार संघ के अन्य सदस्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री **पुष्कर सिंह धामी** और सरकार उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री धामी के प्रति नाराजगी जताते हुए, कंडवाल के साथी और संघ के सदस्य सरकार से तत्काल जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को अब और सहन नहीं किया जाएगा।
बागेश्वर में भी विरोध प्रदर्शन की तैयारी
इस बीच, उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में भी बेरोजगार संघ ने अपनी मांगों को लेकर सक्रियता दिखाई है। बागेश्वर के युवाओं ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया, तो वहां भी बड़े स्तर पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। युवाओं का कहना है कि सरकार की चुप्पी और उदासीनता उनके भविष्य को अंधकार में धकेल रही है, जिसे अब और सहन नहीं किया जाएगा।उत्तराखंड के युवाओं का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है और सरकार की चुप्पी इस आंदोलन को और ज्यादा उग्र बना रही है।