मसूरी और देहरादून में थूक कांड से हंगामा, जांच जारी

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मसूरी :मसूरी और देहरादून में हाल ही में हुए दो अलग-अलग घटनाओं ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है। मसूरी में चाय बनाते समय बर्तन में थूकने और देहरादून में रोटी पर थूक लगाने के मामलों ने प्रशासन को हरकत में ला दिया है। दोनों ही घटनाओं पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, और आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

मसूरी में हुई घटना के अनुसार, हिमांशु विश्नोई नामक पर्यटक ने पुलिस को सूचना दी कि 29 सितंबर की सुबह लाइब्रेरी चौक (गांधी चौक) पर एक चाय बेचने वाले युवक ने चाय के बर्तन में थूका और फिर उसे ग्राहकों को परोस दिया। हिमांशु ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर पुलिस को सौंप दिया। आरोपी युवकों की पहचान हुसैन अली और नौशाद के रूप में हुई है, जो मुजफ्फरनगर और मसूरी के निवासी हैं।

देहरादून में रोटी पर थूकने का मामला

वहीं दूसरी ओर, देहरादून के इनामुल्ला बिल्डिंग क्षेत्र में एक रेस्टोरेंट का वीडियो वायरल हो गया, जिसमें एक कारीगर रोटी बनाते समय उस पर थूकते हुए नजर आ रहा है। वीडियो के वायरल होने के बाद स्थानीय पुलिस ने तुरंत रेस्टोरेंट को बंद करवा दिया और कारीगर व मालिक से पूछताछ शुरू कर दी है। एसएसपी अजय सिंह ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया 

मसूरी और देहरादून की घटनाओं के बाद इलाके में गुस्से की लहर है। मसूरी में स्थानीय लोग और पर्यटक, जिन्होंने इस घटना के बारे में सुना, आक्रोशित हैं और उन्होंने सख्त कार्रवाई की मांग की है। सूत्रों का कहना है कि मसूरी में आज कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रशासन के खिलाफ ज्ञापन सौंपे जाने और विरोध प्रदर्शन की संभावना है।

प्रशासन की कार्रवाई

मसूरी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी गई है। वहीं देहरादून में पुलिस ने एहतियातन रेस्टोरेंट को सील कर दिया है। पुलिस दोनों मामलों की गंभीरता से जांच कर रही है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है।

सामाजिक तनाव की आशंका

इन दोनों घटनाओं ने क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया है। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने का आरोप भी सामने आ रहा है, जिससे समाज में तनाव की स्थिति बनी हुई है।

निष्कर्ष

मसूरी और देहरादून की घटनाओं ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस को सख्त कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर दिया है। साथ ही, समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने की चुनौती भी बढ़ गई है। पुलिस और प्रशासन को इन मामलों में पारदर्शी और निष्पक्ष जांच करनी होगी ताकि लोगों के बीच फैले आक्रोश को शांत किया जा सके।

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