जॉर्ज एवेरेस्ट (1790-1866), एक प्रमुख ब्रिटिश सर्वेयर और भूगोलवेत्ता, भारतीय उपमहाद्वीप के सर्वेक्षण कार्यों में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति रहे हैं। वे 1830 से 1843 तक भारत के सर्वेयर जनरल रहे और उनकी कोशिशों के कारण दुनिया की सबसे ऊंची चोटी, माउंट एवरेस्ट, का नाम उनके सम्मान में रखा गया।
सर जॉर्ज एवेरेस्ट हाउस, जिसे पार्क एस्टेट के नाम से भी जाना जाता है, मसूरी के शांत पहाड़ियों में स्थित है। यह स्थल 1832 में बनाया गया था और इसे अब एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में संरक्षित किया जा रहा है। यह स्थल भारतीय भूगोल और इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो न केवल अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए बल्कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है।
जॉर्ज एवेरेस्ट का इतिहास :
सर जॉर्ज एवेरेस्ट का जन्म वेल्स में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त करने के बाद 1806 में भारत में कार्य करना शुरू किया। उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप के सर्वेक्षण कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसमें माउंट एवरेस्ट, K2 और कंचनजंगा की सटीक माप शामिल थी।
पार्क एस्टेट, मसूरी के गांधी चौक से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ से, सर जॉर्ज एवेरेस्ट ने अपने कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जिनमें दुनिया की सबसे ऊँची चोटी, जिसे पहले पीक XV के नाम से जाना जाता था, की माप भी शामिल है।
1865 में, रॉयल जियोग्राफिकल सोसाइटी ने इस चोटी का नाम माउंट एवरेस्ट रखा, जो सर जॉर्ज एवेरेस्ट के योगदान को मान्यता देने का एक प्रयास था। उनके घर में बने प्रयोगशाला में ही उन्होंने अपने सर्वेक्षण कार्यों का अधिकांश हिस्सा किया।
पार्क एस्टेट का महत्व :
पार्क एस्टेट न केवल एक ऐतिहासिक स्थल है, बल्कि यह पर्यटकों के लिए एक साहसिकता का केंद्र भी है। इसकी ऊंचाई, जो समुद्र तल से लगभग 2,840 मीटर(9,320 फीट) है, इसे चारों ओर के प्राकृतिक सौंदर्य के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है। यहाँ से पर्यटक दून वैली और बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं।
पार्क एस्टेट, जो अब एक धरोहर स्थल है, यहाँ आने वाले पर्यटकों को न केवल ऐतिहासिक महत्व के बारे में जानने का मौका देता है, बल्कि उन्हें यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता का भी अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।
विकास और आधुनिक परिवर्तन :
उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने जॉर्ज एवेरेस्ट हाउस और उसके आसपास कई विकास कार्य किए हैं। इनमें शामिल हैं:
पुनर्निर्माण और संरक्षण: ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण किया गया और जॉर्ज एवरेस्ट हाउस का पुनर्निर्माण किया गया और भारत का पहला कार्टोग्राफिक संग्रहालय बनया गया।
हेलीकॉप्टर राइड: हाल ही में हेलीकॉप्टर राइड की सुविधा शुरू की गई है, जिससे पर्यटक ऊंचाई से मसूरी और उसके आसपास के क्षेत्रों का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं। यह साहसिक अनुभव के साथ-साथ दर्शनीय स्थलों की सुंदरता को भी बढ़ाता है।
आज की स्थिति और विवाद :
आज के समय में, जॉर्ज एवेरेस्ट हाउस कई विवादों का विषय बना हुआ है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
उच्च पार्किंग शुल्क: जॉर्ज एवेरेस्ट हाउस के आसपास पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी की गई है, जिससे स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के बीच असंतोष बढ़ा है। यह शुल्क कई पर्यटकों के लिए एक चुनौती बन गया है।
ट्रैकिंग शुल्क: जॉर्ज एवेरेस्ट ट्रैक पर चलने वाले ट्रैकर्स से लिए जाने वाले शुल्क में वृद्धि भी विवाद का विषय बन गई है। कई लोग इसे अत्यधिक मानते हैं, जिससे कुछ पर्यटक इस क्षेत्र में आने से हिचकिचाते हैं।
निष्कर्ष :
जॉर्ज एवेरेस्ट हाउस एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है, जो आज कई मुद्दों का सामना कर रहा है। यदि प्रशासन और स्थानीय समुदाय मिलकर समाधान निकालें, तो यह स्थल फिर से पर्यटन का केंद्र बन सकता है। पर्यटकों और स्थानीय लोगों के हितों को संतुलित करना आवश्यक है ताकि सभी को लाभ मिल सके।