मसूरी: मसूरी, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए मशहूर है, इन दिनों नगर पालिका की सख्त कार्रवाइयों के चलते सुर्खियों में है। शुक्रवार को मसूरी नगर पालिका की टीम ने पिक्चर पैलेस से लेकर लढौर बाजार तक व्यापक अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया और प्रतिबंधित प्लास्टिक बैगों के इस्तेमाल पर भी कार्रवाई की। इस अभियान से स्थानीय व्यापारियों में गुस्सा उभर आया है, जिन्होंने नगर पालिका की कार्यप्रणाली को अनुचित बताया।
व्यापारियों का आरोप है कि प्रशासन बिना किसी पूर्व सूचना के दुकानें हटाने और प्लास्टिक जब्त करने की कार्रवाई कर रहा है, जिससे व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव जगजीत कुकरेजा ने कहा कि व्यापारियों को पहले से समय दिया जाना चाहिए था ताकि वे अपने व्यापार में सुधार कर सकें और प्रतिबंधित वस्तुओं का उपयोग बंद कर सकें। उनके मुताबिक, अचानक की गई कार्रवाई से व्यापारियों को अनावश्यक परेशानियां झेलनी पड़ीं, जिसे वे अन्यायपूर्ण मानते हैं।
इसके अलावा, व्यापारियों ने पालिका कर्मचारियों पर दुर्व्यवहार का भी आरोप लगाया है, जिससे व्यापारिक समुदाय में भारी आक्रोश फैल गया है। उनका कहना है कि नगर पालिका का उद्देश्य अतिक्रमण हटाना और प्लास्टिक बैन लागू करना है, लेकिन इस प्रक्रिया में मानवीय दृष्टिकोण की कमी दिखाई दे रही है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने कहा कि पालिका की कार्रवाई पूरी तरह से वैध है और शहर को स्वच्छ और व्यवस्थित रखने के लिए यह कदम आवश्यक है। उन्होंने कहा, “मसूरी में प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध है, लेकिन कुछ लोग अभी भी इसका उपयोग कर रहे हैं, जिनके खिलाफ हम कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। अतिक्रमण के मामले में भी व्यापारियों को पहले से सूचित किया गया था, लेकिन कई लोगों ने निर्देशों का पालन नहीं किया।”
नैथानी ने यह भी आश्वासन दिया कि अगर किसी कर्मचारी द्वारा दुर्व्यवहार की शिकायत मिलती है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जोर दिया कि स्वच्छता और अतिक्रमण के खिलाफ नगर पालिका की मुहिम जारी रहेगी ताकि मसूरी की सुंदरता और पर्यावरण संरक्षित रह सके।
व्यापारियों और प्रशासन के बीच यह तनावपूर्ण स्थिति मसूरी के व्यापारिक माहौल पर गहरा प्रभाव डाल रही है।