देहरादून जिलाधिकारी महोदय के निर्देशानुसार बिंदाल पुल और लाल पुल क्षेत्रों में भिक्षावृत्ति में संलिप्त दो बालिकाओं और एक बालक को चाइल्ड हेल्पलाइन, एएचटीयू (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट), डीसीपीयू (डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट), और प्रोबेशन टीम देहरादून के संयुक्त प्रयासों से रेस्क्यू किया गया।
रेस्क्यू के बाद बच्चों का सामान्य डायरी (GD) और मेडिकल परीक्षण कराया गया। तत्पश्चात उन्हें बाल कल्याण समिति (CWC) के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति के निर्देशानुसार दोनों बालिकाओं और बालक को अस्थायी रूप से शिशु सदन में रखा गया है, जहां उनकी सुरक्षा और देखभाल सुनिश्चित की जाएगी।
यह कार्रवाई जिले में बाल अधिकारों की रक्षा और भिक्षावृत्ति रोकने की दिशा में एक अहम कदम है। संबंधित विभागों ने बच्चों के पुनर्वास और उनके उज्ज्वल भविष्य की योजना पर भी चर्चा की।