मसूरी: मसूरी, जिसे ‘पहाड़ों की रानी’ कहा जाता है, आज गंदगी और प्रशासनिक लापरवाही की वजह से शर्मिंदगी झेल रही है। नगर पालिका के स्वच्छता अभियान के बावजूद शहर के प्रमुख स्थानों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण एमडीडीए पार्किंग है, जो अब न केवल नशे का अड्डा बन चुकी है, बल्कि शौचालय के रूप में भी इस्तेमाल हो रही है।
पार्किंग की जगह शौचालय
एमडीडीए पार्किंग, जो नगर पालिका कार्यालय से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित है, अब शौचालय के रूप में बदनाम हो रही है। स्थानीय लोगों और पर्यटकों के अनुसार, इस जगह की सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। लोग मजबूरी में इसे शौचालय की तरह इस्तेमाल करने लगे हैं, जिससे यहां गंदगी का अंबार लग गया है।
नशे का अड्डा और गंदगी का ढेर
यह पार्किंग नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का गढ़ बन चुकी है। शराब की बोतलें, सिगरेट के टुकड़े और अन्य नशीली वस्तुएं यहां खुलेआम देखी जा सकती हैं। सफाई का अभाव और प्रशासन की उदासीनता ने इस स्थान को एक बदबूदार और असुरक्षित जगह में बदल दिया है।
स्वच्छता अभियान की सच्चाई
नगर पालिका द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियानों की वास्तविकता इस पार्किंग की स्थिति से साफ हो जाती है। न केवल एमडीडीए पार्किंग, बल्कि मसूरी के अन्य कोनों में भी सफाई की गंभीर समस्याएं देखने को मिल रही हैं।
प्रशासन ने दिया सफाई का आश्वासन
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अभाष ने कहा कि समस्या को ध्यान में रखते हुए तत्काल सफाई का कार्य किया जाएगा। “आपके द्वारा जानकारी में लाने के बाद कल से सफाई कार्य शुरू किया जाएगा। स्थिति को सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं,” उन्होंने बताया।
तत्काल सुधार की जरूरत
1. पार्किंग की सफाई: नियमित सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए।
2. शौचालय की व्यवस्था: पार्किंग का इस्तेमाल शौचालय के रूप में न हो, इसके लिए वैकल्पिक सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएं।
3. निगरानी बढ़ाई जाए: नशेड़ी और असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन को सक्रिय होना पड़ेगा।
मसूरी जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के लिए यह स्थिति बेहद शर्मनाक है। यदि जल्द ही सुधार के कदम नहीं उठाए गए, तो शहर की स्वच्छता और पर्यटन पर गंभीर असर पड़ेगा।