मसूरी: मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन ने आज विभिन्न विभागों को ज्ञापन सौंपते हुए मसूरी के कर्मचारियों और ग्रामीण निवासियों की समस्याओं को उजागर किया। प्रमुख ज्ञापन मसूरी के कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) कार्यालय की अस्थायी बंदी, प्राकृतिक जल स्रोतों की समस्या, और दूधली क्षेत्र की प्रशासनिक कठिनाइयों के संदर्भ में दिए गए।
ESIC कार्यालय की समस्या पर ध्यान
मसूरी में लगभग 5000 कर्मचारी, जो विभिन्न संस्थानों में कार्यरत हैं, ESIC सेवाओं से लाभान्वित होते हैं। पिछले 15 दिनों से ESIC कार्यालय की बंदी से कर्मचारियों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विद्युत आपूर्ति की समस्या का हवाला देते हुए कार्यालय अक्सर बंद रहता है। यह ज्ञापन मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को सौंपा गया, जिसमें कार्यालय के सुचारु संचालन की व्यवस्था करने का आग्रह किया गया।
प्राकृतिक जल स्रोतों की पुनर्स्थापना की मांग
स्प्रिंग रोड पर स्थित एक प्राकृतिक झरना, जो स्थानीय निवासियों के लिए पेयजल और अन्य सुविधाओं का स्रोत था, हाल ही में उत्तराखंड जल संस्थान द्वारा कुछ शिकायतों के आधार पर बंद कर दिया गया। एसोसिएशन ने अधिशासी अभियंता, उत्तराखंड जल संस्थान, मसूरी को ज्ञापन देकर इस झरने को फिर से चालू करवाने और नियंत्रित रूप से संचालित करने की मांग की।
दूधली क्षेत्र की प्रशासनिक उलझन
दूधली क्षेत्र, जो नगरपालिका मसूरी और तहसील विकासनगर के बीच फंसा हुआ है, विकास योजनाओं और सरकारी सुविधाओं से वंचित है। यह ज्ञापन उप-जिलाधिकारी मसूरी के माध्यम से उत्तराखंड सरकार को दिया गया, जिसमें प्राथमिक विद्यालय परिसर में एक कार्यशाला आयोजित करने का निवेदन किया गया है, ताकि ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान निकाला जा सके।
मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल और महामंत्री जगजीत कुक्रेजा के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापनों पर कोषाध्यक्ष नागेन्द्र उनियाल, उपाध्यक्ष अतुल अग्रवाल, और सह सचिव सलीम अहमद ने भी हस्ताक्षर किए।