मसूरी: नगर पालिका द्वारा एक करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किए गए एमआरएफ (मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) और बॉयोमिथेन प्लांट में तकनीकी समस्याओं के कारण कामकाज ठप पड़ा हुआ है। इसका नतीजा यह हुआ है कि प्लांट के नीचे वाले हिस्से में गीले कूड़े के ढेर जमा हो गए हैं, जिससे आसपास के इलाके में गंदगी और बदबू का माहौल बन गया है। लोगों को बीमारियों का डर भी सताने लगा है।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी तनवीर सिंह ने प्लांट और एमआरएफ सेंटर का निरीक्षण किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि प्लांट के बंद होने की वजह से कूड़ा प्रबंधन में समस्या हो रही है और ठेकेदार को तलब कर लिया गया है। ठेकेदार से बात करके जल्द से जल्द समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं।
अधिशासी अधिकारी ने कहा कि यदि एक सप्ताह के भीतर प्लांट का संचालन फिर से शुरू नहीं हुआ, तो ठेकेदार का टेंडर रद्द कर दिया जाएगा और नए ठेकेदार को काम सौंपा जाएगा। निरीक्षण के दौरान रजनीश डोबरियाल और सेनेटरी इंस्पेक्टर वीरेन्द्र बिष्ट भी मौजूद थे।
एमआरएफ सेंटर के पास स्थित आईडीएच कॉलोनी में रहने वाले लगभग 40 परिवारों ने गंदगी से उपजे हालात पर नाराजगी जताई है। उन्होंने प्लांट को जल्द से जल्द चालू करने की मांग की है ताकि क्षेत्र में सफाई व्यवस्था फिर से बहाल हो सके।