मसूरी: मसूरी में गढ़वाल सभा ने पारंपरिक उल्लास और श्रद्धा के साथ शहीद स्थल पर ईगास बग्वाल का पर्व मनाया। इस खास मौके पर सबसे पहले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जहां उनके चित्रों के समक्ष दीप जलाए गए और पूजा-अर्चना की गई। पूरे स्थल को दीपों से सजाया गया, जिससे वहां एक दिव्य वातावरण बन गया।
पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप पर नृत्य और भैलो खेलते हुए, स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने उत्सव का आनंद लिया। यह पर्व स्थानीय संस्कृति और परंपराओं के साथ गहरे जुड़ाव को दर्शाता है। गढ़वाल सभा के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध पकवान जैसे स्वांले, पकौड़े, गुलगुले और अन्य मिठाइयों का वितरण भी किया गया।
पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने बताया कि यह पर्व दीपावली के 11 दिन बाद इसलिए मनाया जाता है क्योंकि भगवान राम के अयोध्या लौटने की खबर पहाड़ों तक देरी से पहुंची। एक अन्य मान्यता के अनुसार, वीरभद्र माधो सिंह भंडारी के चीन विजय से लौटने का भी यह दिन प्रतीक है।
इस अवसर पर गढ़वाल महिला सभा की अध्यक्ष सुधा झिल्डियाल और अन्य गणमान्य व्यक्ति जैसे पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला और पूर्व पालिका अध्यक्ष ओपी उनियाल ने भी उपस्थित रहकर उत्सव में भाग लिया। पर्यटकों ने भी पारंपरिक नृत्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम के दौरान सुधा झिल्डियाल, गणेश कोठारी, और अन्य सदस्यों सहित स्थानीय लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। त्योहार के दौरान बनाई गई लकड़ी की आग को रौशनी का प्रतीक माना गया।
ईगास का यह पारंपरिक पर्व, जहां एक ओर लोकसंस्कृति को जीवित रखता है, वहीं यह मसूरी के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूती प्रदान करता है।