देहरादून:उत्तराखंड शासन ने राज्य की सभी ग्राम पंचायतों (हरिद्वार जिले को छोड़कर) में प्रशासकों की नियुक्ति के संबंध में एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है। पंचायत कार्यकाल की समाप्ति के बाद नई व्यवस्था के तहत निवर्तमान ग्राम प्रधानों को प्रशासक के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
क्या है आदेश?
12 दिसंबर 2024 को जारी अधिसूचना संख्या 2.60830 पंचायतीराज अनुभाग-1 के अनुसार, पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने की तिथि 27 नवंबर 2024 से अगले छह माह तक या नई पंचायतों के गठन तक, जो भी पहले हो, प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे। जिलाधिकारियों को निवर्तमान ग्राम प्रधानों को प्रशासक नियुक्त करने का अधिकार दिया गया है।
चुनावों में देरी के कारण:
राज्य सरकार ने अब तक पंचायत और नगर निकाय चुनावों की तारीख घोषित नहीं की है। जानकारों के अनुसार, चुनाव में देरी का मुख्य कारण प्रशासनिक तैयारियों की कमी और परिसीमन के कार्य में देरी हो सकती है। कई क्षेत्रों में परिसीमन की प्रक्रिया अभी भी अधूरी है, जिससे चुनाव करवाने में बाधा उत्पन्न हो रही है।
विपक्ष का आरोप:
विपक्षी दलों ने सरकार पर चुनावों को जानबूझकर टालने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए चुनावों को टाल रही है। उनका दावा है कि सत्ता पक्ष को चुनावी हार का डर सता रहा है, इसलिए वे समय पर चुनाव नहीं करवा रहे।
क्या होंगे प्रशासकों के अधिकार?
प्रशासक नियुक्त किए गए निवर्तमान ग्राम प्रधान सामान्य प्रशासनिक कार्य देखेंगे, लेकिन वे नीतिगत निर्णय नहीं ले पाएंगे। किसी विशेष परिस्थिति में, यदि नीतिगत निर्णय लेना आवश्यक हो, तो मामला जिला पंचायत राज अधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को संदर्भित किया जाएगा।
पहले का आदेश रद्द
इससे पहले 26 नवंबर 2024 को जारी अधिसूचना में ग्राम पंचायतों में सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को प्रशासक नियुक्त करने का प्रावधान था। अब इस आदेश को निरस्त करते हुए
निवर्तमान प्रधानों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
आदेश का पालन अनिवार्य
जारी निर्देश के अनुसार, सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रशासक अपनी जिम्मेदारी तत्काल प्रभाव से ग्रहण करें। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।