मसूरी: आज मसूरी नगर पालिका परिषद में तब हंगामे का माहौल बन गया जब दोपहर करीब 1 बजे संविदा कर्मचारियों को पता चला कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से संबंधित एक गुप्त टेंडर प्रक्रिया चल रही है। इस खबर ने कर्मचारियों में आक्रोश पैदा कर दिया और उन्होंने नगर पालिका कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया।
गुप्त प्रक्रिया पर विरोध
कर्मचारियों का आरोप था कि इस टेंडर प्रक्रिया को गुप्त रखा गया और उन्हें इससे संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गई। उनकी आशंका थी कि इस प्रक्रिया के माध्यम से उनके रोजगार को खतरे में डाला जा रहा है। गुस्साए कर्मचारियों ने कामकाज ठप कर नारेबाजी की और पारदर्शी प्रक्रिया की मांग की।
अधिशासी अधिकारी ने किया हस्तक्षेप
प्रदर्शन के बीच अधिशासी अधिकारी (अधि. अ.) तनवीर मारवाह मौके पर पहुंचे और कर्मचारियों से बातचीत की। उन्होंने कर्मचारियों को समझाते हुए कहा कि यह टेंडर प्रक्रिया संविदा कर्मचारियों के लिए नहीं थी, बल्कि उन कर्मचारियों के लिए थी जो पहले से आउटसोर्स किए गए हैं।
टेंडर प्रक्रिया रद्द
विरोध को बढ़ता देख अधिशासी अधिकारी ने विवादित टेंडर प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
बैठक में हुआ समाधान का प्रयास
प्रदर्शन के बाद नगर पालिका सभागार में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें निवर्तमान अध्यक्ष अनूप गुप्ता पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष ओपी उनियाल, मनमोहन सिंह मल्ल, मेघ सिंह कंडारी, रजत अग्रवाल,दर्शन रावत, जगजीत कुकरेजा, अमित भट्ट, जसवीर कौर, और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक में कर्मचारियों की चिंताओं पर चर्चा हुई और समाधान के प्रस्ताव रखे गए।
टेंडर रद्द होने के बाद फिलहाल कर्मचारियों ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया है। नगर पालिका परिषद में फिलहाल स्थिति शांत है, लेकिन कर्मचारी अब भी अपने रोजगार और अधिकारों को लेकर सतर्क हैं।