“उत्तराखंड के हक और पहचान के लिए संघर्षरत: उक्रांद ने UCC और बाहरी कब्जे पर जताई कड़ी आपत्ति”

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उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने 10 नवंबर को मसूरी के एक होटल में प्रेस वार्ता आयोजित की, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता और संरक्षक त्रिवेंद्र पवार, केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रमिला रावत, मसूरी नगर अध्यक्ष नितेश उनियाल, महामंत्री कीर्ति कंडारी और कई कार्यकर्ता उपस्थित थे। इस मौके पर त्रिवेंद्र पवार ने उत्तराखंड में हो रही अन्यायपूर्ण घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की और बताया कि उक्रांद उत्तराखंड के मूल निवास, भू कानून और समान नागरिक संहिता (UCC) जैसे “काले कानूनों” के खिलाफ संघर्षरत है। हाल ही में पार्टी ने 48 घंटे का उपवास रखकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की थी।

त्रिवेंद्र पवार ने UCC को पहाड़ विरोधी बताते हुए कहा कि इसका मकसद बाहरी लोगों को स्थानीय नागरिकता, स्थाई निवास और संसाधनों पर अधिकार देना है, जो प्रदेश के हितों के खिलाफ है। उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि “डबल इंजन” सरकार ने उत्तराखंड की नदियों की रेत, बजरी और पत्थर जैसी संपदाओं को बाहरी खनन माफियाओं के हवाले कर दिया है। साथ ही, जंगलों की कीमती जड़ी-बूटियों से लेकर पानी तक बाहरी व्यक्तियों के नाम कर दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि यदि उत्तराखंड की जनता फिर से उक्रांद पर भरोसा करती है, तो 2027 में उक्रांद की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनेगी। इस सरकार का उद्देश्य उत्तराखंड के लोगों के अधिकारों की रक्षा और उनकी भलाई के लिए ठोस कदम उठाना होगा।

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