उत्तराखंड के डाक विभाग में एक हैरान कर देने वाली भर्ती प्रक्रिया सामने आई है, जिसमें कई युवा डाकपाल के पद पर चयनित हुए हैं, हालांकि उन्हें हिंदी और गणित का सामान्य ज्ञान तक नहीं है। पौड़ी जिले से एक और विवादित मामला सामने आया है, जिसमें हरियाणा का एक युवक डाकपाल के पद पर चयनित हुआ था, लेकिन जब उसे हिंदी में आवेदन पत्र लिखने के लिए कहा गया, तो वह ठीक से नहीं लिख पाया।
इस युवक ने 2021 में हरियाणा बोर्ड से हाई स्कूल की परीक्षा दी थी, और हिंदी में 95 अंक प्राप्त किए थे, लेकिन जब उसे आवेदन पत्र में हिंदी लिखने के लिए कहा गया, तो उसका हाथ कांपने लगा। विभाग के कर्मचारियों ने देखा कि उसने “अधिशय” की जगह “अदीशय”, “महोदय” की जगह “मेव्य”, “डाकघर” को “ढाकघर” और “पौड़ी” को “पैटी” लिखा था। इसके अलावा, जब उसे अंकों को हिंदी में लिखने को कहा गया, तो उसने 1500 को “पद्रासै”, 2750 को “सताइसे”, 3531 को “तीन हजार पानसे कतीस” और 250 को “ढाइरौ” लिखा।
इस मामले के बाद, डाक विभाग के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की है और रिपोर्ट देहरादून भेज दी है। अब उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देशों के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह घटना सवाल खड़ा करती है कि जिन अभ्यर्थियों को हिंदी में अच्छे अंक मिलते हैं, वे अपनी भाषा का सही उपयोग क्यों नहीं कर पा रहे हैं, और डाक विभाग में काम करने के लिए ऐसे कर्मचारियों की क्षमता पर सवाल उठता है।