देहरादून: उत्तराखंड जल निगम के फील्ड कर्मचारियों की वर्षों से लंबित वेतनमान और सेवा नियमावली में आंशिक संशोधन की मांगों को लेकर किया गया आंदोलन अब उग्र होने की दिशा में बढ़ रहा है। कर्मचारी 23 सितंबर 2024 से लगातार शांतिपूर्ण ढंग से नगरनिगम मुख्यालय में धरना दे रहे हैं, परंतु शासन और जल निगम प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में उच्च वेतनमान, सेवा नियमावली में आंशिक संशोधन और वाहन भत्ते का निस्तारण शामिल है, जिन्हें शासन और बोर्ड द्वारा पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है। इसके बावजूद, जल निगम प्रशासन ने इन मांगों का समाधान नहीं किया है, जिससे कर्मचारियों में गहरा असंतोष है।
प्रदेश महामंत्री चिरंजी लाल डोभाल ने कहा कि कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है और अब उन्होंने अपने शांतिपूर्ण आंदोलन को उग्र रूप देने की रणनीति पर विचार करना शुरू कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि आंदोलन उग्र होता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी जल निगम प्रशासन और शासन की होगी।
कर्मचारी नेता की इस चेतावनी के बावजूद, अब तक शासन या प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है, जिससे कर्मचारियों की नाराजगी और बढ़ रही है। सचिवालय में धरने पर बैठे कर्मचारी अब अपने आंदोलन को और तीव्र करने की तैयारी में हैं।