मसूरी : मसूरी के 19 गिरासू भवनों को जल्द ही ध्वस्त किया जाएगा, जिसके लिए नगर पालिका प्रशासन ने कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों का पालन करते हुए इन भवनों को हटाया जा रहा है, क्योंकि इन्हें शहर के भू-धंसाव से प्रभावित क्षेत्रों में बेहद खतरनाक माना गया है।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी, राजेश नैथानी ने बताया कि एनजीटी द्वारा मसूरी के कुछ हिस्सों में भू-धंसाव की विस्तृत जांच की गई थी। इसके बाद सीआरआई रुड़की की तकनीकी जांच में 19 भवनों को असुरक्षित घोषित किया गया, जिनसे जनहानि की आशंका थी। 2022 में जारी रिपोर्ट के अनुसार, इन भवनों के गिरने का खतरा था, जिसके मद्देनजर ध्वस्तीकरण का निर्णय लिया गया।
ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया:
19 भवनों में से 2 भवन पहले ही ध्वस्त कर दिए गए थे, और उनके स्थान पर नए निर्माण शुरू हो चुके हैं। अन्य 7 भवनों के मालिकों ने ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया स्वयं शुरू कर दी है। शेष 10 भवनों के मालिकों को सात दिनों का समय दिया गया है। समय सीमा के बाद, नगर पालिका प्रशासन स्वयं ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा और इस पर आने वाला खर्च भवन मालिकों से वसूला जाएगा।
एनजीटी के सख्त निर्देश:
राजेश नैथानी ने बताया कि एनजीटीp की सख्त हिदायतों के अनुसार, मसूरी नगर पालिका परिषद को इन असुरक्षित भवनों को जल्द से जल्द गिराने की कार्रवाई शुरू करने के आदेश मिले थे। इन निर्देशों के तहत, नगर पालिका अधिनियम 1916 के प्रावधानों के अनुसार ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया तत्काल लागू की जा रही है।
नगर पालिका ने स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की है ताकि मसूरी को सुरक्षित बनाने की इस प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आए।