नैनीताल: मसूरी नगर पालिका चुनावों में फर्जी मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि को लेकर उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। इस मामले में दायर याचिका (अनुराग थपलियाल बनाम राज्य चुनाव आयोग व अन्य, WPMS No.2676 of 2024) पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने राज्य चुनाव आयोग को चार सप्ताह के भीतर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता अनुराग थपलियाल ने आरोप लगाया है कि मसूरी की मतदाता सूची में 1,375 फर्जी मतदाताओं को शामिल किया गया है, जिनका इस क्षेत्र से कोई संबंध नहीं है। 2022 के विधानसभा चुनावों में मसूरी में कुल 18,000 मतदाता थे, जबकि 2024 के लोकसभा चुनावों में यह संख्या 18,500 हो गई थी। लेकिन अब नगर पालिका चुनावों में यह आंकड़ा बढ़कर 24,500 हो गया है, जो कि संदिग्ध और अप्रत्याशित माना जा रहा है।
याचिका में बताया गया है कि कई नामों को मतदाता सूची से हटाने के बाद भी 1,000 से अधिक फर्जी नाम अब भी सूची में मौजूद हैं। याचिकाकर्ता का आरोप है कि यह संख्या जानबूझकर बढ़ाई गई है ताकि नगर पालिका चुनावों को प्रभावित किया जा सके।
न्यायालय ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि याचिका में उठाए गए बिंदुओं की जांच कर, फर्जी मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाए।